दिल्ली के मुखर्जी नगर में आईएएस कोचिंग के गढ़ में हाल ही में एक दर्दनाक घटना घटित हुई। एक बाढ़ के दौरान बासमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद विद्यार्थियों और उनके परिजनों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। इस घटना के परिणामस्वरूप, प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 13 कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया, जिनमें प्रसिद्ध “विकास दिव्यकीर्ति सर का दृष्टि आईएएस” कोचिंग सेंटर भी शामिल है।
हादसे की पृष्ठभूमि
दिल्ली का मुखर्जी नगर इलाका शिक्षा और विशेषकर सिविल सेवा की तैयारी के लिए जाना जाता है। यहां पर सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेंटर्स और पीजी हॉस्टल्स हैं, जहां देशभर से छात्र अपने सपनों को साकार करने के लिए आते हैं। इसी क्षेत्र में एक बाढ़ आई थी, जिसके चलते कई इलाकों में पानी भर गया। दुर्भाग्यवश, कुछ कोचिंग सेंटर्स ने बासमेंट में कक्षाएं संचालित कर रखी थीं, जो कि सुरक्षा मानकों के विरुद्ध था।
छात्रों की मौत और सुरक्षा मानकों की अनदेखी
यह हादसा तब हुआ जब बाढ़ का पानी तेज़ी से बढ़ता गया और बासमेंट में संचालित कक्षाओं में घुस गया। कई छात्र वहां से बाहर निकलने में असमर्थ रहे और तीन छात्रों की मौत हो गई। इस घटना ने कोचिंग सेंटर्स द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर किया है। बासमेंट में कक्षाएं चलाने की इजाजत नहीं होती है, क्योंकि यह हमेशा बाढ़ और अन्य आपदाओं के खतरे में रहता है। फिर भी, कुछ कोचिंग सेंटर्स ने इसे नजरअंदाज करते हुए छात्रों की सुरक्षा से समझौता किया।
प्रशासन की कार्रवाई
इस घटना के बाद, प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और 13 कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया। इस सूची में दृष्टि आईएएस भी शामिल था, जो विकास दिव्यकीर्ति सर द्वारा संचालित है। इन सेंटर्स को सील करने का मुख्य कारण था कि वे सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर रहे थे। यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था और इसके पीछे प्रशासन का उद्देश्य यही था कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
छात्रों और परिजनों का आक्रोश
इस घटना ने छात्रों और उनके परिजनों में गहरी नाराज़गी पैदा की है। छात्रों का कहना है कि कोचिंग सेंटर्स ने उनकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही दिखाई है। उन्होंने मांग की है कि कोचिंग सेंटर्स को उनकी सुरक्षा के प्रति ज्यादा जिम्मेदार बनाया जाए और ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि वे अब कोचिंग सेंटर्स के चयन में अधिक सतर्कता बरतेंगे और सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देंगे।
दृष्टि आईएएस और विकास दिव्यकीर्ति सर की प्रतिक्रिया
विकास दिव्यकीर्ति सर ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और कहा कि उनका कोचिंग सेंटर सभी सुरक्षा मानकों का पालन करता है। हमें अपनी प्रतिक्रिया देने में ज्यादा समय लगा मैं क्षमा चाहता हु , क्योंकि मैं आधी अधूरी जानकारी पर किसी को गलत नही ठहरा सकता था जब मुझे इस चीज का अच्छे से पता चला क्या हुआ था कैसे मौत हुई तब मैने अपनी प्रतिक्रिया दी है , उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा सील करने के निर्णय को वे मानते हैं और आगे की जांच में पूरी सहायता करेंगे। विकास दिव्यकीर्ति सर ने छात्रों और उनके परिवारों को आश्वासन दिया कि वे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष
दिल्ली के मुखर्जी नगर में हुई इस घटना ने न केवल कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी को उजागर किया है, बल्कि प्रशासन और समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए और इस दिशा में कोचिंग सेंटर्स और प्रशासन को मिलकर काम करना चाहिए। इस घटना से सबक लेते हुए, सभी संबंधित पक्षों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके और छात्रों को एक सुरक्षित और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।