दिल्ली के कोचिंग सेंटर में हुई दुर्घटना: सुरक्षा और सुविधा की अनदेखी पर सवाल

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दिल्ली में हाल ही में एक दुखद घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। एक आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के कारण तीन छात्रों की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक गहरा सदमा साबित हुई है। इस हादसे के बाद, दिल्ली के छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कोचिंग सेंटर की सुविधाओं और सुरक्षा पर सवाल उठाए।

घटना का विवरण

इस घटना के दिन, भारी बारिश के कारण कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया। बेसमेंट में स्थित कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे आने जाने के लिए सिर्फ एक ही सीढ़ी थी , तीन छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने में देरी हुई, जिससे उनकी जान चली गई। बताया जा रहा है कि बेसमेंट का ड्रेनेज सिस्टम खराब था, जिससे पानी तेजी से भर गया। देखते ही देखते 12 फिट तक पानी भर गया , यह एक बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि कोचिंग सेंटर छात्रों से उच्च शुल्क वसूलते हैं, फिर भी सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी करते हैं।

छात्रों का आरोप

प्रशासन के
तरफ से सिर्फ 3 छात्रों की ही मरने की खबर आई है , लेकिन साथ में पढ़ने वाले छात्रों का आरोप है कि 3 नहीं 9 छात्रों की मौत हुई है प्रशासन मौत का आंकड़ा छुपा रहा है ,

तीन छात्र जिसकी पहचान की गई है उनमें से
एक छात्र का नाम नेविन डाल्विन (28) है। वह केरल का रहना वाला था। वह बीते आठ महीनों से IAS की तैयारी कर रहा था। वह दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से PHD भी कर रहा था। इसके अलावा जिन छात्राओं की मौत हुई उनकी पहचान तान्या सोनी (25) और श्रेया यादव (25) के रूप में हुई है। श्रेया ने 1 महीने पहले ही राउ कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया था। वह उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के की रहने वाली थी। तान्या सोनी के बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
इस घटना ने मृतकों के परिजनों को झकझोर के रख दिया है , परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है ।

छात्रों का विरोध

इस दुखद घटना के बाद, दिल्ली के छात्रों ने कोचिंग सेंटर की लापरवाही के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि सेंटर केवल मुनाफा कमाने पर ध्यान देते हैं, जबकि छात्रों की सुरक्षा और सुविधाओं की उपेक्षा की जाती है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि कई कोचिंग सेंटरों में आगजनी, भूकंप और अन्य आपात स्थितियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। छात्रों ने मांग की कि सरकार कोचिंग सेंटरों की जांच करे और उन्हें आवश्यक सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए बाध्य करे।

नेताओं की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, तमाम नेताओं ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कोचिंग सेंटर की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। कई राजनीतिक दलों ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

निष्कर्ष

दिल्ली में हुई यह दुर्घटना एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। हमें यह समझना होगा कि शिक्षा केवल परीक्षा की तैयारी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें छात्रों की सुरक्षा और उनकी संपूर्ण देखभाल भी शामिल है। कोचिंग सेंटरों को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और छात्रों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सच्चाई से निभाना होगा। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा क्षेत्र में भी सुरक्षा मानकों की कड़ी जरूरत है और उन्हें लागू करना आवश्यक है। केवल इस तरह ही हम भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बच सकते हैं।

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